रमजान को दूसरा रोज़: औरंगाबाद में मस्जिदां में उमड़े नमाजी, बाजारां में सेवई-खजूर की धूम

रमजान को दूसरा रोज़: औरंगाबाद में मस्जिदां में उमड़े नमाजी, बाजारां में सेवई-खजूर की धूम

रमजान को दूसरा रोज़ औरंगाबाद में खास श्रद्धा और उमंग के साथ मनायो जा रह्यो है। इस मौक़े पै, मस्जिदां में नमाजीयां की बड़ी तादाद देखी जा रही है, और बाजारां में सेवई और खजूर की ख़रीदारी में भी बढ़ोतरी हुई है। जद-जद रमजान महीनो आगे बढ़ रह्यो है, वैसे-वैसे औरंगाबाद के बाजारां में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमां का माहौल और भी गहरा हो रह्यो है। इस बार खास बात यह है कि बाजारां में औरंगाबाद में पहले से कहीं ज्यादा रौनक है, चाहे नमाजीयां की तादाद हो या फिर खाद्य सामग्री की ख़रीदारी।

औरंगाबाद की मस्जिदां में उमड़ा हुजूम

रमजान के दूसरे रोज़ पर, औरंगाबाद की प्रमुख मस्जिदां में नमाज अदा करने के लिए हजारों लोग जमा हुए। मस्जिदां में विशेष नमाजां का आयोजन किया गयो, और माहौल श्रद्धा और आस्था से भरपूर था। जुमे की नमाज, जो इस रमजान को पहला जुमा थी, में बड़ी तादाद में पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया। इसके अलावा, मस्जिदां में तफसीर और कुरान की तिलावत भी की गई, जिससे माहौल और भी रूहानी हो गयो।

  • रमजान में नमाजीयां की तादाद: मस्जिदां में रोज़े की घोषणा होते ही नमाजीयां का हुजूम बढ़ गयो।
  • सुरक्षा व्यवस्था: बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत किया था।

सेवई और खजूर की धूम

रमजान के महीने में सेवई और खजूर की अहमियत खास है। औरंगाबाद के बाजारां में इन दोनों की मांग में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। खासकर, हैदराबादी सेवई की दुकानों पे ग्राहकों की भारी भीड़ लगी है, और खजूर की दुकानदारां में भी काफी रौनक है। कई परिवार तो घर पर ही सेवई बनाते हैं और इसे पारंपरिक मीठी डिश के रूप में पेश करते हैं। खजूर का महत्व रमजान में इसलिये है क्योंकि यह उपवास खोलने के लिए सबसे उचित फल माना जाता है।

  • सेवई की खासियत: रमजान में सेवई खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
  • खजूर का पोषण: खजूर न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ये शरीर को तुरंत ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।

बाजारां में रमजान की रौनक

रमजान के इस दूसरे रोज़ पर बाजारां में ख़रीदारी जोरों पे चल रही है। एक ओर जहां लोग मस्जिदां में नमाज अदा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बाजारां में सेवई, खजूर, हलवा, और रमजान के खास खाद्य पदार्थ की भारी मांग है। दुकानदारों का कहना है कि इस बार की ख़रीदारी पिछले साल से कहीं ज्यादा रही है।

  • ख़रीदारी की व्यस्तता: दुकानदारों का कहना है कि इस बार बाजार में ज्यादा लोग आ रहे हैं।
  • खाद्य सामग्री की उपलब्धता: दुकानदारों ने जरूरी खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की है ताकि किसी को कमी न हो।

FAQs – रमजान और औरंगाबाद के बारे में

1. रमजान के दौरान सेवई क्यों खाई जाती है?
सेवई रमजान के दौरान खासकर इफ्तार में खाई जाती है, क्योंकि यह हल्की, स्वादिष्ट, और ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है। इसे विशेष रूप से परिवार और मित्रों के साथ साझा किया जाता है।

2. खजूर का सेवन रमजान में क्यों महत्वपूर्ण है?
खजूर का सेवन रमजान में इसलिए किया जाता है क्योंकि यह जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है और उपवास के बाद शरीर को तुरंत पोषण प्रदान करता है।

3. औरंगाबाद में रमजान के दौरान किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की जाती है?
औरंगाबाद में रमजान के दौरान मस्जिदां और बाजार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाती है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन अपनी भूमिका निभाते हुए नमाजियों और खरीदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

औरंगाबाद के रमजान बाजार में आप क्या खरीद सकते हैं?

अगर आप औरंगाबाद के रमजान बाजार में जाएं, तो आपको सेवई, खजूर, बरफी, हलवा, और रमजान की खास सामग्री जैसे पटसी पकवान मिलेंगे। दुकानदार अपने स्टॉक को बढ़ा लेते हैं ताकि हर किसी की ज़रूरतें पूरी हो सकें।

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